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राजधानी में सरकारी राशन दुकानों में चोरी का नया तरीका, चावल को गंदा बताकर संचालक ने हितग्राहियों को थमा दिये पैसे
राशन दुकान संचालकों ने चावल चोरी का नया तरीका खोज निकाला है। चावल में कंकड़-पत्थर मिलाकर उसे गंदा बताने और चावल के बदले लाभुकों को 17 रुपये प्रति किलो भुगतान करने का मामला सामने आया है
रायपुर : राशन दुकान संचालकों ने चावल की चोरी का नया तरीका खोज निकाला है। चावल में कंकड़-पत्थर मिलाकर उसे गंदा बताकर चावल के बदले हितग्राहियों को 17 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भुगतान करने का मामला सामने आया है। राजातालाब स्थित राशन दुकान क्रमांक- 441001308 और 441001309 में चावल वितरण नहीं होने की शिकायत स्थानीय लोगों ने की थी। इसकी जांच के लिए पहुंची विभागीय टीम ने पाया कि संचालक ने चार बोरी मिट्टी और कंकड़ मिलाकर चावल रख लिया और जब कार्डधारी चावल लेने के लिए पहुंचते तो उन्हें यही चावल दिखाकर बोला जाता है कि यह गंदा चावल क्या लोगे, 17 रुपये के हिसाब से चावल के पैसे ले लो। मामले का राजफाश टीम की जांच रिपोर्ट से हुआ है।
शिकायत के बाद खाद्य अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची तो कार्डधारी साजिद खान 223874410065, अनीता निषाद कार्ड क्रमांक 223878421100 और जुबेदा खातून कार्ड क्रमांक- 223877056527 ने बताया कि दुकान की संचालक सायरा खान ने कंकड़ वाला चावल दिखाया। इसके बाद इसे ले जाओ नहीं तो 17 रुपये किलो के हिसाब से पैसे ले जाओ, कहा। साफ चावल मांगने पर गाली-गलौच की जाती है। टीम ने दर्जनों लोगों से लिखित बयान लिए।
दो लाख का चावल दुकान से गायब
तीन माहिला खाद्य अधिकारियों से खाद्य नियंत्रक द्वारा दुकान की जांच करवाई गई। टीम को दुकान क्रमांक- 441001308 में 26 क्विंटल और 441001309 में 16 क्विंटल चावल कम मिला। चौंकाने वाली बात यह है कि लोगों को चावल नहीं दिया जा रहा है, लेकिन सरकार को दिया गया चावल गायब है। जांच में दो लाख रुपये का चावल दुकान से गायब होने की जानाकरी सामने आई है।
घर में ही खोल दी राशन दुकान
जांच टीम ने पाया कि राशन दुकान घर में खोली गई है। विभाग का नियम है कि कोई भी दुकान संचालक घर से दुकान का संचालन नहीं कर सकता। यहां दुकान का बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। शासन के आदेशानुसार सभी राशन दुकानों को तिरंगे के रंग से रंगना है, जिससे अलग से उसकी पहचान हो सके लेकिन यहां ऐसा नहीं मिला।